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Sheetala Ashtami: शीतला अष्टमी पर बन रहे हैं कौन से योग जानिए

jeevanjali Published by: कोमल Updated Tue, 02 Apr 2024 11:28 AM IST
सार

Sheetala Ashtami: शीतला अष्टमी हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष शीतला अष्टमी 02 अप्रैल मंगलवार को है। यह त्यौहार होली के आठ दिन बाद मनाया जाता है। इसे बसौड़ा या बासौड़ा भी कहा जाता है.

शीतला अष्टमी
शीतला अष्टमी- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Sheetala Ashtami: शीतला अष्टमी हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष शीतला अष्टमी 02 अप्रैल मंगलवार को है। यह त्यौहार होली के आठ दिन बाद मनाया जाता है। इसे बसौड़ा या बासौड़ा भी कहा जाता है. इस दिन शीतला मां की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि माता शीतला की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है। इसके अलावा सौभाग्य और आय में भी वृद्धि होती है। ज्योतिषियों के मुताबिक शीतला अष्टमी पर शिववास का शुभ योग बन रहा है। इस योग में महादेव और माता पार्वती की पूजा करने से कई गुना फल मिलेगा। आइये जानते हैं शिववास योग के बारे में-
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शीतला अष्टमी या बासौड़ा 2024 कब है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 1 अप्रैल को रात 09:09 बजे से शुरू हो रही है. यह तिथि 2 अप्रैल को रात्रि 08 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए बसौड़ा यानी शीतला अष्टमी का व्रत 2 अप्रैल को रखा जाएगा.
 

शुभ समय

ज्योतिषीय गणना के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 01 अप्रैल को रात्रि 09:09 बजे प्रारंभ होगी और 02 अप्रैल को रात्रि 08:08 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि मान के कारण शीतला अष्टमी 02 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का समय सुबह 06:10 से शाम 06:40 तक है. इस दौरान मां शीतला की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
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शिववास

ज्योतिषियों के अनुसार शीतला अष्टमी तिथि पर देवों के देव महादेव, जगत जननी आदिशक्ति मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दिन भगवान शिव शाम 08 बजकर 08 मिनट तक मां गौरी के साथ रहेंगे. इस दौरान माता शीतला की पूजा करने से साधक को अनंत फल की प्राप्ति होती है।
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