Shani Jayanti 2024: शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा की जाती है। शनि न्याय के देवता हैं। शनि की कृपा से व्यक्ति रंक से राजा बन जाता है। शनि अमावस्या उन लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है जो साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष से पीड़ित हैं। ज्योतिष में शनि बहुत धीमी गति से चलते हैं, एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में उन्हें ढाई साल का समय लगता है। शनि की महादशा 19 साल की होती है। शनि अमावस्या 6 जून को है। इस दिन शनि की विशेष पूजा की जाती है और दान दिया जाता है।
शास्त्रों में कहा गया है जिन जातकों के ऊपर हमेशा कष्ट, गरीबी, बीमारी और धन संबंधी परेशानी होती है उन्हें शनि देव की पूजा जरूर करना चाहिए। शनि देव की पूजा के लिए प्रत्येक शनिवार, शनि अमावस्या और शनि जयंती का दिन काफी महत्वपूर्ण माना गया है। शनि देव पूजा में सरसों के तेल का दीपक जलाने और काली चीजों का दान करने से शनिदोष का प्रकोप कम हो जाता है।
शनि देव एक देवता हैं और सभी नौ ग्रहों में मुख्य ग्रह भी हैं। शनि देव सूर्य और छाया के पुत्र हैं। इनका जन्म ज्येष्ठ माह की अमावस्या को हुआ था। ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में शनि की विशेष भूमिका होती है। कुंडली में अगर शनि शुभ भाव में हो तो व्यक्ति को सब कुछ मिलता है, लेकिन अगर शनि अशुभ भाव में हो तो व्यक्ति तमाम तरह की परेशानियों और बीमारियों से घिरा रहता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि दो राशियों का स्वामी है। शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी है। इसलिए इन दोनों राशियों के जातकों के स्वभाव में शनि का प्रतिबिंब साफ दिखाई देता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशि के अनुसार शनिदेव के इन मंत्रों का जाप करने से भी शनि के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है। आइए आज जानते हैं राशि के अनुसार शनिदेव के मंत्र...
मेष राशि
ॐ शांताय नमः
मेष राशि के जातक इस मंत्र का जाप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाते हैं।
वृष राशि
ॐ वरेण्याय नमः
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि के जातक इस मंत्र का जाप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाते हैं।
मिथुन राशि
ॐ मंदाय नमः
मिथुन राशि वाले लोग इस मंत्र का जाप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाते हैं।
कर्क राशि
ॐ सुंदराय नम:
कर्क राशि वाले लोग इस मंत्र का जप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
सिंह राशि
ॐ सूर्यपुत्राय नम:
सिंह राशि वाले लोग इस मंत्र का जप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
कन्या राशि
ॐ महनीयगुणात्मने नम:
कन्या राशि वाले लोग इस मंत्र का जप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
वृश्चिक राशि
ॐ नीलवर्णाय नम:
वृश्चिक राशि वाले लोग इस मंत्र का जप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
धनु राशि
ॐ घनसारविलेपाय नम:
धनु राशि वाले लोग इस मंत्र का जप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
मकर राशि
ॐ शर्वाय नम:
मकर राशि वाले लोग इस मंत्र का जप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
कुंभ राशि
ॐ महेशाय नम:
कुंभ राशि वाले लोग इस मंत्र का जप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
मीन राशि
ॐ सुंदराय नम:
मीन राशि वाले लोग इस मंत्र का जप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
- शनिदेव की पूजा कभी भी लाल रंग की सामग्री से नहीं करनी चाहिए क्योंकि शनिदेव को लाल रंग पसंद नहीं है। ज्योतिष शास्त्र में लाल रंग मंगल और सूर्य का कारक है और शनिदेव सूर्य और मंगल को अपना शत्रु मानते हैं।
- शनिदेव को काला और नीला रंग बहुत प्रिय है, इसलिए शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल और उड़द दाल की खिचड़ी चढ़ाई जाती है। शनिवार को काले तिल चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं, जिससे कुंडली में शनि का प्रकोप कम होता है।