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Rudraksh niyam: किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष, जानिए

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Mon, 03 Jun 2024 07:08 AM IST
सार

Rudraksh niyam: शास्त्रों में रुद्राक्ष को बहुत महत्व दिया गया है। माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इसलिए जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

रुद्राक्ष
रुद्राक्ष- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Rudraksh niyam: शास्त्रों में रुद्राक्ष को बहुत महत्व दिया गया है। माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इसलिए जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसलिए रुद्राक्ष को चमत्कारी और अलौकिक माना जाता है। रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक पाए जाते हैं। जिनका अपना अलग महत्व होता है। मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति नियम और विधि के अनुसार रुद्राक्ष धारण करता है तो उसे सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है और कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी सही हो जाती है। जानिए रुद्राक्ष धारण करने से पहले किन नियमों को जानना बेहद जरूरी है,ताकि आपको इसे धारण करने का पूरा लाभ मिल सके।
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रुद्राक्ष धारण करने के नियम

- ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जब भी कोई व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है तो उसे सबसे पहले रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए। इसके अलावा इस बात का ध्यान रखना होगा कि रुद्राक्ष को एक बार उतारने के बाद उसे किसी पवित्र स्थान पर ही रखें।

- हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को तुलसी की माला जितना ही पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा का सेवन न करें।

- रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान में नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा नवजात शिशु के जन्म के समय या जहां नवजात शिशु का जन्म हुआ है, वहां रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए।
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- बिना स्नान किए रुद्राक्ष को नहीं छूना चाहिए। स्नान करने के बाद उसे शुद्ध करके ही रुद्राक्ष धारण करें। इसके साथ ही शिव मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते रहें।

- रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में पहनना शुभ माना जाता है। इसे कभी भी काले रंग के धागे में न पहनें। इससे लोगों पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।

- रुद्राक्ष की माला पहनने के बाद इसे किसी और को बिल्कुल भी न दें। साथ ही किसी और द्वारा दी गई रुद्राक्ष की माला को न पहनें।

- रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें। माला के छिद्रों में धूल और गंदगी जमा हो सकती है। जितनी बार संभव हो उन्हें साफ करें।

- रुद्राक्ष का धागा गंदा या क्षतिग्रस्त हो जाए तो उसे बदल दें। साफ करने के बाद रुद्राक्ष को गंगाजल से धो लें। इससे इसकी पवित्रता बनी रहती है।


 

इस मंत्र का जाप करें

रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे शुद्ध और पवित्र करना बहुत जरूरी है। रुद्राक्ष को सोमवार, महाशिवरात्रि या श्रावण मास के किसी भी दिन धारण किया जा सकता है। सबसे पहले चांदी या तांबे के बर्तन में दूध, दही, शहद, घी और चीनी लेकर उन्हें मिला लें। इस मिश्रण से रुद्राक्ष को स्नान कराएं। स्नान के बाद इसे फिर से शुद्ध जल और गंगाजल से स्नान कराएं और पूजा स्थल पर लाल कपड़े पर रखकर गाय के घी का दीपक जलाएं और इस मंत्र का 501 या 1100 बार जाप करें।
ॐ नमः शिवाय, या ॐ हुं नमः।।
 

रुद्राक्ष किसे नहीं पहनना चाहिए


गर्भवती महिलाएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। अगर किसी महिला को रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है, तो उसे बच्चे के जन्म के बाद सूतक काल समाप्त होने तक इसे उतार देना चाहिए। इसके अलावा रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को किसी भी नवजात शिशु और उसकी मां के पास नहीं जाना चाहिए। अगर किसी कारणवश उनके पास जाना ही पड़े, तो पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। 

मांसाहारी भोजन करने वाले लोग
मांसाहारी भोजन करने वाले लोगों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को सबसे पहले धूम्रपान और मांसाहारी भोजन से दूर रहना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मांसाहारी भोजन खाने से रुद्राक्ष अशुद्ध हो जाता है, जिसके कारण भविष्य में व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
 
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