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Panchak April 2024: अप्रैल में कब से शुरु होगा पंचक जानिए सही तिथि और इससे जुड़े नियम

jeevanjali Published by: कोमल Updated Wed, 27 Mar 2024 06:28 PM IST
सार

Panchak April 2024:  हर महीने में पांच ऐसे दिन होते हैं, जिन्हें पंचक कहा जाता है। सनातन धर्म में पंचक काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य वर्जित माना जाता है। पंचक के दिनों को अशुभ माना जाता है।

पंचक अप्रैल 2024
पंचक अप्रैल 2024- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Panchak April 2024:  हर महीने में पांच ऐसे दिन होते हैं, जिन्हें पंचक कहा जाता है। सनातन धर्म में पंचक काल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य वर्जित माना जाता है। पंचक के दिनों को अशुभ माना जाता है। इतना ही नहीं पंचक के दिनों में कई तरह की परेशानियां भी हमें घेर लेती हैं। कहा जाता है कि पंचक में व्यक्ति को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
 
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जानिए कब तक रहेगा अप्रैल का पंचक?

कब शुरू होगा पंचक?

पंचांग के अनुसार अप्रैल माह का पंचक 5 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 7:14 मिनट से शुरू हो रहा है. यह अगले दिन 9 अप्रैल, मंगलवार को सुबह 7:32 मिनट पर समाप्त होगा. ऐसा माना जाता है कि पंचक के दौरान वर्जित कार्यों को करने से व्यक्ति को आर्थिक नुकसान होता है। साथ ही परिवार में परेशानियां आती हैं। इसलिए पंचक काल के दौरान कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए। अन्यथा अशुभ परिणाम मिलने लगते हैं।

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पंचक में न करें ये काम

गृह निर्माण
लकड़ी खरीदना
दक्षिण की ओर यात्रा करें
जलती हुई लाशें
बिस्तर बनाना
शादी
गृह प्रवेश

ऐसा माना जाता है कि पंचक के दौरान वर्जित कार्यों को करने से व्यक्ति को आर्थिक हानि और घर में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए पंचक के दौरान इन कार्यों को करने से बचना चाहिए।


पंचक क्या है?

पंचक पाँच नक्षत्रों का एक समूह है। 27 नक्षत्रों में से 5 नक्षत्र ऐसे हैं जिन्हें दूषित माना जाता है। इन्हें पंचक कहा जाता है। ये नक्षत्र हैं धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती नक्षत्र। पंचक धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के आरंभ से लेकर रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक रहता है।

पंचक के नियम

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि पंचक के दौरान सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान बीमारी होने का खतरा लगातार बना रहता है। इसलिए खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पौष्टिक आहार ही लेना चाहिए।

पंचक के दौरान लकड़ी से संबंधित कार्य नहीं करना चाहिए। इस दौरान लकड़ी जलाने पर भी प्रतिबंध है. इसके अलावा पंचक के दौरान खाट बनाने पर भी प्रतिबंध होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इससे व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।

पंचक काल के दौरान यात्रा शुरू करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। ज्योतिषियों के अनुसार पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा शुरू करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दक्षिण दिशा को यम दिशा कहा जाता है और पंचक के दौरान इस दिशा में यात्रा शुरू करने से दुर्घटना का खतरा रहता है।

यह भी माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति के परिवार के सदस्य की मृत्यु पंचक के दौरान हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में सबसे पहले पांच कुशा जल देना चाहिए और उसके बाद अंतिम संस्कार करना चाहिए।
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