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Navdurga Mantra: नवरात्रि में मां दुर्गा के इन मंत्रों का करें जाप, मिलेगा मां दुर्गा का आशीर्वाद

jeevanjali Published by: कोमल Updated Sat, 06 Apr 2024 05:37 PM IST
सार

Navdurga Mantra: चैत्र नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। देवी के भक्त इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, भक्त देवी दुर्गा की पूजा के लिए नौ दिनों तक व्रत रखते हैं

नवदुर्गा मंत्र
नवदुर्गा मंत्र- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Navdurga Mantra: चैत्र नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। देवी के भक्त इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, भक्त देवी दुर्गा की पूजा के लिए नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है  कहा जाता है कि जो भक्त इस दौरान भावपूर्वक देवी की पूजा करते हैं उन्हें मनचाहा वरदान मिलता है। चलिए आपको इन नौ देवियों को प्रसन्न करने के लिए मंत्र बताते हैं 
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नौ देवियों को प्रसन्न करने के लिए मंत्र

1 या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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2: -सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||

3: -या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

4: -ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

5: -ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ।

मां शैलपुत्री मंत्र

1: - ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।

2: - ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।

 

ध्यान मंत्र

वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम् ।

वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥

 

स्तोत्र पाठ

प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्।

धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥

त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।

सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥

चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन।

मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

 

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र 

1: - या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

2: -  दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

 

मां चंद्रघंटा मंत्र 

1: - ऐं श्रीं शक्तयै नम: ।

 

महामंत्र

2: - या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।

 

सरल मंत्र

ॐ एं ह्रीं क्लीं।

उपासना मंत्र

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

मां कूष्माण्डा मंत्र

1: - या देवि सर्वभूतेषू सृष्टि रूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

2: - वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥

3. ॐ कूष्माण्डायै नम:।।

4. या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ 

मां स्कंदमाता मंत्र

1: - ॐ स्कन्दमात्रै नम:।।

2: - या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

3: - सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

4: - ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥

मां कात्यायनी मंत्र

1: - कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

2: - या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

3: - कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।

नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।

4: - चन्द्रहासोज्जवलकराशाईलवरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।

5: - ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

मां कालरात्रि मंत्र

1: - ॐ कालरात्र्यै नम:।

2: - ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।

ॐ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या अखिलेश्वरी।

एवमेव त्वथा कार्यस्मद् वैरिविनाशनम् नमो सें ऐं ॐ।।

ॐ यदि चापि वरो देयस्त्वयास्माकं महेश्वरि।।

संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमाऽऽपदः ॐ।

ॐ ऐं यश्चमर्त्य: स्तवैरेभि: त्वां स्तोष्यत्यमलानने

तस्य वित्तीर्द्धविभवै: धनदारादि समप्दाम् ऐं ॐ।

उपासना मंत्र

1: - एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।

वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

2: - ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।

मां महागौरी मंत्र

1: -श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

2: -या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

3: -सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

मां सिद्धिदात्री मंत्र

1: -ॐ सिद्धिदात्र्यै नम: ।

2: -या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।

3: -विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा:स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।

त्वयैकया पूरितमम्बयैतत्का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति: ।।

4: -सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्ति प्रदायिनी।

त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः।।

5: -गृहीतोग्रमहाचक्रे दंष्ट्रोद्धृतवसुन्धरे।

वराहरूपिणि शिवे नारायणि नमोऽस्तुते।।

6: -नन्दगोप गृहे जाता यशोदा-गर्भ-सम्भवा।

ततस्तौ नाशयिष्यामि, विन्ध्याचल निवासिनी।।


 

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