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Masik Durgashtami 2024: जून महीने में कब है मासिक दुर्गाष्टमी? जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Fri, 07 Jun 2024 07:08 AM IST
सार

Masik Durgashtami 2024: हिंदू धर्म में हर माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक मां दुर्गा की पूजा की जाती है। शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है।

मासिक दुर्गाष्टमी
मासिक दुर्गाष्टमी- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Masik Durgashtami 2024: हिंदू धर्म में हर माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक मां दुर्गा की पूजा की जाती है। शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। धार्मिक दृष्टि से मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी दुख दूर करती हैं। इतना ही नहीं, वे भक्तों को संकटों से बचाती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
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मासिक दुर्गाष्टमी तिथि

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 13 जून 2024 को रात 08:03 मिनट पर हो रहा है। साथ ही यह तिथि 14 जून को रात 10:33 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 14 जून शुक्रवार को रखा जाएगा।

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 13 जून को रात्रि 09:33 मिनट परप्रारंभ होगी और 15 जून को प्रातः 12:03 मिनट पर समाप्त होगी। निशा काल में मां की पूजा की जाती है। इसके लिए 14 जून को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी। साधक 14 जून को दुर्गाष्टमी का व्रत रख सकते हैं।
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योग

मासिक दुर्गाष्टमी पर सिद्धि योग बन रहा है। यह योग शाम को 07:08 मिनट पर समाप्त हो रहा है। इस योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलेगी। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।

मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

इसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।

अब मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद एक चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं।

इसके बाद मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

लाल रंग मां दुर्गा का प्रिय रंग माना जाता है।

ऐसे में पूजा के दौरान देवी को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं, लाल चुनरी, लाल रंग के फूल आदि अर्पित करें।

अंत में मां दुर्गा की आरती और उनके मंत्रों का जाप करते हुए सभी लोगों में प्रसाद बांटें।

करें इस मंत्र का जाप

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।
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