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Mahila Naga Sadhu: क्यों महिला नागा साधू पहनती हैं बिना सिला कपड़ा, कैसी है इनकी रहस्यमयी जिंदगी जानिए

jeevanjali Published by: कोमल Updated Mon, 19 Feb 2024 03:43 PM IST
सार

Mahila Naga Sadhu:  नागा साधुओं के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे, लेकिन जब नागा साधुओं की बात आती है तो लोगों के मन में नग्न और राख से  लिपटे  एक व्यक्ति की छवि बन जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे नग्न रहते हैं

महिला साधु
महिला साधु- फोटो : jeevanjali

विस्तार


Mahila Naga Sadhu:  नागा साधुओं के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे, लेकिन जब नागा साधुओं की बात आती है तो लोगों के मन में नग्न और राख से  लिपटे  एक व्यक्ति की छवि बन जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे नग्न रहते हैं,लेकिन क्या आप जानते हैं कि नागा साधु केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी होती हैं। जी हां, यह बिल्कुल सच है कि महिलाएं भी नागा साधु होती हैं और पुरुष नागा साधुओं की तरह महिला नागा साधु भी कठिन तपस्या करती हैं और उन्हें भी ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है। चलिए आज आपको बताते हैं कि महिला नागा साधुओं का जीवन कैसा होता है 
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बिना सिला हुआ कपड़ा पहनती हैं महिला नागा साधु 


महिला नागा साधुओं की संख्या बेशक कम है लेकिन उनका जीवन बहुत रहस्यमय है। महिला नागा साधु बनना इतना आसान नहीं है क्योंकि ये पुरुषों की तरह कठिन तपस्या करती हैं। खास बात यह है कि महिला नागा साधुओं को कपड़े पहनने की इजाजत होती है लेकिन ये वैसे नहीं होते हैं। वे ज्यादा कपड़े नहीं पहन सकते. चाहे कैसा भी मौसम हो, वे वही कपड़ा पहनते हैं जो भगवा रंग का हो और सिला हुआ न हो। इसके साथ ही महिला नागा साधुओं को अपने रहन-सहन में भी कई नियमों का पालन करना पड़ता है। उन्हें अपने बाल रखने की इजाजत नहीं है, साधु बनने के लिए उन्हें अपना सिर मुंडवाना पड़ता है और उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन भी करना पड़ता है, इसके साथ ही उन्हें इस दौरान बहुत कठिन समय से गुजरना पड़ता है। उन्हें गुरु के सामने यह साबित करना होता है कि उनमें नागा साधु बनने की क्षमता है। इसके बाद गुरु उन्हें दीक्षा देते हैं।

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पहाड़ों और जंगलों में बिताती है अपना जीवन 

 महिला नागा साधु अपना जीवन पहाड़ों, जंगलों या गुफाओं में बिताती हैं। अगर आप महिला नागा साधुओं को देखना चाहते हैं तो आपको महिला नागा साधुएं प्रयागराज के कुंभ या माघ मेले में दिख जाएंगी। लेकिन पवित्र नदियों और संगमों में स्नान करने के बाद वे शीघ्र ही वहां से वापस चली जाती हैं। महिला नागा साधु भगवान शिव और अग्नि की भक्त होती हैं और चाहे दुनिया कितनी भी बदल जाए, वे पुरुष नागा साधुओं की तरह ही अपना असली रूप नहीं बदलती हैं। महिला नागा साधुओं को अपना पिंडदान करना होता है तभी उन्हें महिला नागा साधु की उपाधि मिलती है।

दिव्य होतेे हैं महिला नागा साधु के दर्शन 


महिला नागा साधु भी अपने शरीर पर धूनी रमाती हैं और माथे पर हमेशा तिलक लगाती हैं। कुंभ मेले के दौरान नागा साधुओं की तरह ही महिला नागा साधुओं को भी शाही स्नान कराया जाता है, हालांकि वे पुरुष नागा साधुओं के स्नान करने के बाद ही स्नान करती हैं।अगर आपको महिला नागा साधु के दर्शन हो जाएं तो आपकी किस्मत बदलते देर नहीं लगेगी।


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