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Mahashivratri 2024: शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर? जानिए विस्तार से

jeevanjali Published by: कोमल Updated Mon, 26 Feb 2024 08:09 AM IST
सार

Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह भगवान शिव को समर्पित है और हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है

महाशिवरात्रि2024
महाशिवरात्रि2024- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह भगवान शिव को समर्पित है और हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2024 में महाशिवरात्रि 8 मार्च, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
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महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और रात्रि जागरण करते हैं।महाशिवरात्रि के कई पौराणिक महत्व हैं। एक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने 'तांडव' नृत्य किया था। दूसरी मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।महाशिवरात्रि को भक्त 'आत्म-शुद्धि' का दिन भी मानते हैं। इस दिन व्रत रखने और रात्रि जागरण करने से भक्तों के पापों का नाश होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि का त्यौहार पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

मासिक शिवरात्रि

मासिक शिवरात्रि, हिंदू कैलेंडर के हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान शिव को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। इस दिन, भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, उपवास रखते हैं, और रात भर जागते हैं।
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मासिक शिवरात्रि को पापों से मुक्ति, मनोकामनाओं की पूर्ति, और मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मासिक शिवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है। यह भक्तों के लिए भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.
 

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर


शिवरात्रि

हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है।
भगवान शिव की पूजा और व्रत रखा जाता है।
मासिक शिवरात्रि का महत्व भी धार्मिक दृष्टि से बहुत है।
भगवान शिव का ध्यान और मंत्र जप किया जाता है।
शिवरात्रि का व्रत रखने से मन शांत होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

महाशिवरात्रि

फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है।
यह सबसे महत्वपूर्ण शिवरात्रि मानी जाती है।
भगवान शिव के निराकार से साकार रूप में अवतरण का दिन माना जाता है।
महाशिवरात्रि का व्रत रखने से मोक्ष प्राप्ति की मान्यता है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है।
रात्रि जागरण, भजन-कीर्तन, रुद्राभिषेक आदि विशेष आयोजन किए जाते हैं।

दोनों में मुख्य अंतर

समय: शिवरात्रि हर महीने आती है, जबकि महाशिवरात्रि साल में एक बार फाल्गुन मास में आती है।
महत्व: महाशिवरात्रि को शिवरात्रि से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
पूजा: महाशिवरात्रि में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है, जबकि शिवरात्रि में केवल भगवान शिव की पूजा की जाती है।
व्रत: महाशिवरात्रि का व्रत रखने से मोक्ष प्राप्ति की मान्यता है, जबकि शिवरात्रि का व्रत रखने से मन शांत होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
आयोजन: महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण, भजन-कीर्तन, रुद्राभिषेक आदि विशेष आयोजन किए जाते हैं, जबकि शिवरात्रि पर ऐसे आयोजन कम होते हैं।

अन्य अंतर

-शिवरात्रि का व्रत सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक रखा जाता है, जबकि महाशिवरात्रि का व्रत चतुर्दशी तिथि की मध्यरात्रि से अगले दिन चतुर्दशी तिथि की मध्यरात्रि तक रखा जाता है।
-शिवरात्रि पर चार पहर पूजा की जाती है, जबकि महाशिवरात्रि पर पांच पहर पूजा की जाती है।
-शिवरात्रि पर 108 बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं, जबकि महाशिवरात्रि पर 1108 बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं।
-शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव को समर्पित महत्वपूर्ण त्यौहार हैं।
-महाशिवरात्रि को शिवरात्रि से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
-दोनों त्योहारों में भगवान शिव की पूजा और व्रत रखा जाता है,
-लेकिन पूजा विधि, व्रत का समय और महत्व में कुछ अंतर होता है।
 
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