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Jyeshta Month 2024 Date: ज्येष्ठ माह में ये उपाय करने से मां लक्ष्मी होती हैं मेहरबान

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: निधि Updated Sun, 19 May 2024 03:37 PM IST
सार

Jyeshta Month 2024: 24 मई 2024 से ज्येष्ठ माह शुरू होने जा रहा है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ माह साल का तीसरा महीना होता है।

Jyeshta Month 2024
Jyeshta Month 2024- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Jyeshta Month 2024: 24 मई 2024 से ज्येष्ठ माह शुरू होने जा रहा है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ माह साल का तीसरा महीना होता है। धार्मिक ग्रंथों में इस माह का विशेष महत्व बताया गया है। ज्येष्ठ माह को जेठ माह के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने में सूर्य बहुत तेज़ होता है इसलिए गर्मी भी बहुत अधिक होती है। सूर्य की वरिष्ठता के कारण ही इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है। ऐसे में यह महीना सूर्य देव और हनुमान जी की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस माह में सूर्य देव की पूजा से विशेष फल मिलता है। साथ ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। इसके अलावा जेठ माह में जल से संबंधित व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी प्रमुख हैं। इसके अलावा इस माह में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर भी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। आइए जानते हैं शुभ फल पाने के लिए ज्येष्ठ माह में किए जाने वाले कुछ कार्यों के बारे में...
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ज्येष्ठ के महीने में करें ये काम

धर्म शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह में सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ देना चाहिए। माना जाता है कि इस महीने में अनुशासित जीवनशैली अपनानी चाहिए। साथ ही सुबह उठकर मां लक्ष्मी का स्मरण करें. ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है और व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है।

जेठ का महीना गर्मी की दृष्टि से सबसे कष्टकारी होता है। सूर्य के प्रचंड रूप और गर्म हवाओं के कारण जानवरों को पानी की कमी महसूस होने लगती है। ऐसे में इस महीने में घर के बाहर या छत पर पशु-पक्षियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करें। इससे पशु-पक्षियों की प्यास बुझती है और व्यक्ति के ग्रह दोष दूर होते हैं।
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ज्येष्ठ माह में सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। साथ ही पूरे महीने जल का दान करें। प्यासे लोगों को पानी पिलाएं. लेकिन इस महीने पानी की बर्बादी करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से कुंडली में वरुण दोष उत्पन्न होता है।

मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में तिल का दान अवश्य करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। साथ ही कई हजार यज्ञों के बराबर फल मिलता है।

अगर आपका मंगल कमजोर है तो इस ग्रह को मजबूत करने के लिए ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करें। इससे आपको सभी प्रकार की परेशानियों से भी राहत मिलेगी।
 
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