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Hanuman Ji Ki Puja: हनुमान जी की पूजा करने की सही विधि क्या है? जानिए

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Tue, 04 Jun 2024 01:31 PM IST
सार

HanumanJi Ki Puja: सनातन धर्म में हनुमान जी को कलयुग का देवता माना जाता है। मान्यता है कि अगर आप किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए नियमित रूप से हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करते हैं तो आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी होती है।

हनुमान जी की पूजा के नियम
हनुमान जी की पूजा के नियम- फोटो : jeevanjali

विस्तार

HanumanJi Ki Puja: सनातन धर्म में हनुमान जी को कलयुग का देवता माना जाता है। मान्यता है कि अगर आप किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए नियमित रूप से हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करते हैं तो आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी होती है। वहीं अगर आप संकट हरण हनुमान जी की नियमित पूजा करते हैं तो आपके जीवन में कभी कोई परेशानी नहीं आएगी और आप हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे। आइए आज के लेख में आपको बताते हैं कि हनुमान जी की पूजा कैसे करें
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मंगलवार को पूजा का सही समय

मंगलवार को सुबह और शाम के समय हनुमान जी की पूजा करना फलदायी माना जाता है। इस दिन आप सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं। हालांकि पूजा का शुभ समय पूरे दिन में सूर्यास्त के बाद ही है।

भगवान हनुमान पूजा विधि

मंगलवार को ब्रह्म बेला में उठें और हनुमान जी को प्रणाम करके दिन की शुरुआत करें।

अपने दैनिक कामों को पूरा करने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।

इस समय पानी पीकर खुद को शुद्ध करें।

इसमें अपनी हथेली में जल लेकर 'ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः, ॐ हृषीकेशाय नमः' मंत्र का जाप करें। अंत में 'ॐ गोविंदाय नमः' मंत्र का जाप करें और हाथ धो लें।
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इसके बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें।

अब  भगवान सूर्य को जल में लाल रंग मिलाकर अर्घ्य दें।

'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का इस समय  जाप करें।

इसके बाद विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा करें।

हनुमान जी की मूर्ति पर  मंगलवार के दिन चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाएं।

तामसिक भोजन और शराब का सेवन  इस दिन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

मंगलवार के दिन भगवान राम का नाम जपें, इससे आपको हनुमान जी की कृपा मिलेगी।

तुलसी के पत्तों का प्रयोग हनुमान जी की पूजा में शुभ माना जाता है।

हनुमान जी को लड्डू बहुत पसंद हैं, इसलिए उन्हें लड्डू जरूर चढ़ाएं।

आरती के साथ हनुमान जी की पूजा का समापन करें।

अंत में हनुमान जी से प्रार्थना करें।

सिन्दूर अर्पित के समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें-

दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम् |

तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो ||

पुष्पमाला अर्पण मंत्र

नीलोत्पलैः कोकनदैः कह्लारैः कमलैरपि |

कुमुदैः पुण्डरीकैस्त्वां पूजयामि कपीश्वर ||

पंचामृत अर्पण मंत्र

मध्वाज्य क्षीर दधिभिः सगुडैर्मन्त्रसन्युतैः |

पन्चामृतैः पृथक् स्नानैः सिन्चामि त्वां कपीश्वर ||

अर्घ्य अर्पण मंत्र

कुसुमा-क्षत-सम्मिश्रं गृह्यतां कपिपुन्गव |

दास्यामि ते अन्जनीपुत्र | स्वमर्घ्यं रत्नसंयुतम् ||

फल अर्पण मंत्र

फ़लं नानाविधं स्वादु पक्वं शुद्धं सुशोभितम् |

समर्पितं मया देव गृह्यतां कपिनायक ||

क्षमा याचना मंत्र

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||

मंगलवार व्रत में क्या खाएं क्या नहीं

मंगलवार व्रत के दौरान आपको गुड़ और गेहूं का भोजन करना चाहिए. इस दिन नमक ना खाएं. मंगलवार व्रत करने के दौरान मीठा भोजन ग्रहण करें. आप फल और दूध का सेवन भी कर सकते हैं.

मंगलवार व्रत का मंत्र

अगर आप मंगलवार का व्रत कर रहे हैं तो लाल चंदन की माला से 108 बार नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें.

ऊं क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:


 
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