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Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी के दिन जरूर करें मां गंगा के इन नामों का जाप , मिलेगा बहुत लाभ

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Sun, 12 May 2024 02:17 PM IST
सार

Ganga Saptami 2024: सनातन पंचांग के अनुसार गंगा सप्तमी 14 मई को है. यह त्यौहार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

गंगा सप्तमी 2024
गंगा सप्तमी 2024- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Ganga Saptami 2024: सनातन पंचांग के अनुसार गंगा सप्तमी 14 मई को है. यह त्यौहार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। इसके बाद मां गंगा, सूर्य देव और जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मनवांछित फल पाने के लिए भक्त गंगा सप्तमी के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। सनातन ग्रंथों में ऐसा वर्णन  है कि मां गंगा भागीरथ के पूर्वजों के उद्धार के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। उसी समय से मां गंगा की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा, गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। अगर आप भी सभी प्रकार के पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान करें। यदि सुविधा न हो तो गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। इसके बाद मां गंगा की विधिवत पूजा करें। साथ ही पूजा के दौरान मां गंगा के 108 नामों के मंत्र का जाप करें। 
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मां गंगा के 108 नाम

ॐरुपिणी  गंगा,
त्रिपथगा देवी,
शम्भुमौलिविहारिणी,
जाह्नवी,
पापहन्त्री,
महापातकनाशिनी,
पतितोद्धारिणी,
स्त्रोतस्वती,
परमवेगिनी,
विष्णुपादाब्जसम्भूता,
विष्णुदेहकृतालया,
स्वर्गाब्धिनिलया,
साध्वी,
स्वर्णदी,
सुरनिम्नगा,
मन्दाकिनी,
महावेगा,
स्वर्णश्रृंगप्रभेदिनी,
देवपूज्यतमा,
दिव्या,
दिव्यस्थाननिवासिनी,
सुचारुनीररुचिरा,
महापर्वतभेदिनी,
भागीरथी,
भगवती,
महामोक्षप्रदायिनी,
सिन्धुसंगगता,
शुद्धा,
रसातलनिवासिनी,
महाभोगा,
भोगवती,
सुभगानन्ददायिनी,
महापापहरा,
पुण्या,
परमाह्लाददायिनी,
पार्वती,
शिवपत्नी,
शिवशीर्षगतालया,
शम्भोर्जटामध्यगता,
निर्मला,
निर्मलानना,
महाकलुषहन्त्री,
जह्नुपुत्री,
जगत्प्रिया,
त्रैलोक्यपावनी,
पूर्णा,
पूर्णब्रह्मस्वरूपिणी,
जगत्पूज्यतमा,
चारुरूपिणी,
जगदम्बिका,
लोकानुग्रहकर्त्री,
सर्वलोकदयापरा
याम्यभीतिहरा,
तारा,
पारा,
 संसारतारिणी,
ब्रह्माण्डभेदिनी,
ब्रह्मकमण्डलुकृतालया,
सौभाग्यदायिनी,
पुंसां निर्वाणपददायिनी,
अचिन्त्यचरिता,
चारुरुचिरातिमनोहरा,
मर्त्यस्था,
मृत्युभयहा,
स्वर्गमोक्षप्रदायिनी,
पापापहारिणी,
दूरचारिणी,
वीचिधारिणी,
कारुण्यपूर्णा,
करुणामयी,
दुरितनाशिनी,
गिरिराजसुता,
गौरीभगिनी,
गिरिशप्रिया,
मेनकागर्भसम्भूता,
मैनाकभगिनीप्रिया,
आद्या,
त्रिलोकजननी,
त्रैलोक्यपरिपालिनी,
तीर्थश्रेष्ठतमा,
श्रेष्ठा,
सर्वतीर्थमयी,
शुभा,
चतुर्वेदमयी,
सर्वा,
पितृसंतृप्तिदायिनी,
शिवदा,
शिवसायुज्यदायिनी,
शिववल्लभा,
तेजस्विनी,
त्रिनयना,
त्रिलोचनमनोरमा
सप्तधारा,
शतमुखी,
सगरान्वयतारिणी,
मुनिसेव्या,
मुनिसुता,
जह्नुजानुप्रभेदिनी,
मकरस्था,
सर्वगता,
सर्वाशुभनिवारिणी,
सुदृश्या,
चाक्षुषीतृप्तिदायिनी,
मकरालया,
सदानन्दमयी,
नित्यानन्ददा,
नगपूजिता,
सर्वदेवाधिदेवै: परिपूज्यपदाम्बुजा ।
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