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Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी पर करें इन मंत्रों का जाप, मिलता है गंगा स्नान के समान पुण्य

jeevanjali Published by: निधि Updated Mon, 13 May 2024 06:18 PM IST
सार

Ganga Saptami 2024 Date: मां गंगा को मोक्ष प्रदान करने वाली माना जाता है। जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी संस्कारों में मां गंगा के जल का उपयोग किया जाता है।

Ganga Saptami 2024 Date
Ganga Saptami 2024 Date- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Ganga Saptami 2024 Date: मां गंगा को मोक्ष प्रदान करने वाली माना जाता है। जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी संस्कारों में मां गंगा के जल का उपयोग किया जाता है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा जयंती और गंगा सप्तमी के नाम से जाना जाता है। गंगा सप्तमी को माँ गंगा के पुनर्जन्म के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाने वाली गंगा सप्तमी का बेहद खास महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा स्वर्ग में भगवान शिव शंकर की जटाओं में पहुंची थीं, इसलिए इस दिन को गंगा जयंती और गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। माँ गंगा का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है, जहाँ माँ गंगा को जाहन्वी कहा जाता था। पौराणिक कथा के अनुसार, गंगा तीव्र गति से बह रही थीं और ऋषि जाह्नु ध्यान में लीन थे। उनका कमंडल गंगाजल से बह गया। जब ऋषि ने अपना ध्यान पूरा किया तो यह देखकर वे बहुत क्रोधित हुए और पूरी गंगा को पी गए। इस पर भगीरथ ने उनसे अनुरोध किया, तब ऋषि ने गंगा को अपने कान से बाहर निकाला। वह दिन वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी थी इसलिए इस दिन से गंगा सप्तमी मनाई जाती है। ऋषि जाह्नु की पुत्री होने के कारण माँ गंगा को जान्हवी भी कहा जाता है। यदि गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा के इन मंत्रों का जाप किया जाए तो भक्तों को गंगा स्नान के समान पुण्य प्राप्त होता है। आइए जानते हैं किन मंत्रों के जाप से आप मां गंगा को प्रसन्न कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

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गंगा सप्तमी तिथि 
सप्तमी तिथि आरंभ- 14 मई को को सुबह 02 बजकर 50 मिनट पर
सप्तमी तिथि समाप्त- 15 मई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर

गंगा सप्तमी 2024 शुभ मुहूर्त 
गंगा सप्तमी- 14 मई 2024, मंगलवार
मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 56 मिनट से लेकर 01 बजकर 39 मिनट तक

गंगा स्नान से पूर्व करें इस मंत्र का जाप 
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
अर्थ : हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों ! (मेरे स्नान करने के) इस जल में (आप सभी) पधारिए ।  

ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः'
अर्थ: गंगा मैया !! आप विश्वरुपिनी हो, नर नारायण स्वरूपी हो, गंगामाई आपको नमस्कार !!
गंगा सप्तमी के दिन पूजा के दौरान इस पवित्र मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप प्रतिदिन भी किया जा सकता है।

गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं ।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।।
अर्थ: गंगा जी का जल, जो मनोहारी है, विष्णु जी के श्रीचरणों से जिनका जन्म हुआ है, जो त्रिपुरारी की शीश पर विराजित हैं, जो पापहारिणी हैं, हे मां तू मुझे शुद्ध कर!

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गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि।
मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति॥
अर्थ:
 जो मनुष्य सौ योजन दूर से भी गंगाजी का स्मरण करता है उसके सभी पाप दूर हो जाते हैं और वह अंत में विष्णु लोक को जाता है।
 
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