Rang Panchami 2024 : प्रेम और सदभावना का त्योहार होली पर रंगों और गुलाल खेलने का सिलसिला चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि तक चलता है। पंचमी तिथि को इस पर्व का समापन होता है, इस दिन को रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है। रंग पंचमी का पर्व देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। जिस प्रकार कार्तिक पूर्णिमा देवताओं की दिवाली मानी गई है उसी प्रकार रंग पंचमी को देवताओं की होली माना गया है।
रंग पंचमी का महत्व
इस दिन लोग राधा-कृष्ण को अबीर गुलाल उड़ाते हैं, वहीं कुछ राज्यों में इस दिन जुलूस निकालने की भी परंपरा है। पुराणों के अनुसार रंग पंचमी को देवताओं की होली भी कहा जाता है, इसलिए इस दिन लोग गुलाल आकाश की ओर उड़ाते हैं। और अपने इष्ट देवता से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। धार्मिक मान्यता है कि यह गुलाल से देवी-देवता का अभिषेक होता है और जब वह गुलाल नीचे आता है तो पूरे वातावरण को शुद्ध कर देता है। हर तरफ से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का नाश हो रहा है और हर तरफ सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है। जी हां, हमें देवी-देवताओं का आशीर्वाद है।
पौराणिक कथा
रंगपंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी के साथ होली खेली थी। इसी कारण से इस दिन राधा-कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करने के बाद गुलाल आदि चढ़ाकर होली खेली जाती है। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, होलाष्टक के दिन महादेव ने कामदेव को जलाकर भस्म कर दिया था, जिससे संसार में सभी दुखी थे। लेकिन देवी रति और देवताओं की प्रार्थना पर जब महादेव ने कामदेव को पुनर्जीवित करने का आश्वासन दिया तो सभी देवी-देवता प्रसन्न हो गए और रंगोत्सव मनाने लगे। तभी से रंगपंचमी का त्योहार पंचमी तिथि को मनाया जाने लगा।
अपने इष्टदेव को इन रंगों में रंग दें
रंग पंचमी के दिन लोग देवी-देवताओं के लिए विभिन्न फूलों के सुगंधित अबीर-गुलाल हवा में उड़ाते हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण, श्री राम और भगवान श्री विष्णु को पीला रंग अर्पित कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और उनके चरणों में पीले रंग का अबीर चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास होगा। मां लक्ष्मी, बजरंगबली और भैरव महाराज को लाल रंग चढ़ाएं, धन के आगमन के साथ-साथ आपके जीवन की परेशानियां दूर हो जाएंगी। मां बगलामुखी को पीले रंग का अबीर चढ़ाएं और सूर्य देव को लाल रंग का गुलाल चढ़ाएं, सभी दुख दूर होंगे और मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। शनिदेव को नीला रंग अत्यंत प्रिय है, उन्हें नीला रंग अर्पित करें।