विज्ञापन
Home  dharm  festivals  mahashivratri 2024 date mantra do chant these mantras on mahashivratri

Mahashivratri 2024: देवों के देव महादेव को समर्पित है महाशिवरात्रि, जरूर करें इन मंत्रों का जाप

jeevanjali Published by: निधि Updated Tue, 20 Feb 2024 06:15 PM IST
सार

Mahashivratri 2024 Mantra: महाशिवरात्रि का पवित्र त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 08 मार्च को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है।

महाशिवरात्रि 2024 मंत्र
महाशिवरात्रि 2024 मंत्र- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Mahashivratri 2024 Mantra: महाशिवरात्रि का पवित्र त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 08 मार्च को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यह पवित्र त्योहार भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव के भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनकी विधि-विधान से पूजा करते हैं। इस दिन रात्रि पूजा भी की जाती है, लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है चार पहर की पूजा। ऐसा माना जाता है कि चार पहर की पूजा करने से व्यक्ति जीवन भर के पापों से मुक्त हो जाता है। और धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि के दिन शाम से शुरू होकर अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त तक चार घंटे की पूजा की जाती है। मनचाहा वरदान, सुख-शांति, धन-समृद्धि, सफलता-प्रगति, प्रमोशन, नौकरी, विवाह, प्रेम और रोग निवारण के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर पढ़ने योग्य विशेष मंत्र...
विज्ञापन
विज्ञापन

 
शिव जी का मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय।।

महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

शिव ध्यान मंत्र
ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं।
रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।।
पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं।
विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।।

रुद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
विज्ञापन