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Ganesh Jayanti 2024: गणेश जयंती पर जरूर करें गणेश द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ, पूर्ण होंगी सभी मनोकामनाएं

jeevanjali Published by: निधि Updated Mon, 12 Feb 2024 06:10 PM IST
सार

Ganesh Jayanti 2024: माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। ऐ

गणेश जयंती 2024
गणेश जयंती 2024- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Ganesh Jayanti 2024: माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस चतुर्थी को तिलकुंद चतुर्थी, माघी गणेशोत्सव, माघ विनायक चतुर्थी, वरद चतुर्थी, वरद तिल कुंड चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणपति की पूजा करने से मनुष्य को ज्ञान, धन, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। ऐसे में भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए अगर आप भगवान गणेश के 12 नामों का विधिवत पाठ करेंगे तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी। इसे गणेश द्वादश नाम स्तोत्र भी कहा जाता है। गणेश द्वादश नाम स्तोत्र इस प्रकार है...
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गणेश द्वादश नाम स्तोत्र

सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥

धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि॥

विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते॥

गणेश द्वादश नाम स्तोत्र का महत्व
श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र में भगवान गणेश के 12 नामों का वर्णन किया गया है। ऐसा माना जाता है कि इन 12 नामों का जाप करने या सुनने से शिक्षा, विवाह, घर, संकट से मुक्ति, शत्रुओं से मुक्ति के साथ-साथ धन की प्राप्ति होती है।

1.सुमुख 
2.एकदन्त 
3.कपिल 
4.गजकर्ण 
5.लम्बोदर 
6.विकट 
7.विघ्ननाश 
8.विनायक 
9.धूम्रकेतु 
10.गणाध्यक्ष 
11.भालचन्द्र 
12.गजानन

इस तरह से करें इस स्तुति का पाठ
गणेश द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करने के लिए स्नान आदि करने के बाद भगवान गणेश की मूर्ति के सामने एक आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। इसके बाद भगवान गणेश के सामने दीपक जलाएं और उन्हें चंदन, फूल, अगरबत्ती और प्रसाद अर्पित करें। फिर भगवान गणेश के सामने बैठकर द्वादश नाम का जाप करें।
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