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Basant Panchami 2024 :अपनी राशि के अनुसार बसंत पंचमी पर ऐसे करें मां सरस्वती की आराधना

jeevanjali Published by: निधि Updated Wed, 14 Feb 2024 02:23 PM IST
सार

Basant Panchami 2024 : बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को है. यह त्योहार मां सरस्वती को समर्पित है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, बसंत पंचमी हर साल माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है।

बसंत पंचमी 2024
बसंत पंचमी 2024- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Basant Panchami 2024 : बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को है. यह त्योहार मां सरस्वती को समर्पित है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, बसंत पंचमी हर साल माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए अपनी राशि के अनुसार पूजा करने से लोगों को कई लाभ मिलते हैं।
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मेष राशि

इस राशि के लोगों को देवी सरस्वती की पूजा करने से पहले सुबह स्नान करना चाहिए और उगते सूर्य की किरणों को लाल फूल, पीले फूल और लाल चंदन के साथ जल से अर्घ्य देना चाहिए।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों को बसंत पंचमी के दिन आरंभिक पूजा में भगवान गणेश को दूर्वा और लड्डू अवश्य चढ़ाने चाहिए। इसके बाद मां सरस्वती की मंत्रोच्चार और विधि-विधान से पूजा करें।
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मिथुन राशि

इस राशि का ज्ञान का स्वामी शुक्र है। इसलिए पहले बताई गई पूजा विधि और मंत्र के अलावा ॐ सुं शुक्रदेवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करना न भूलें और देवी सरस्वती को प्रसाद के रूप में सफेद मिठाई चढ़ाएं।

कर्क राशि

आपके ज्ञान का स्वामी मंगल है। इसलिए इस दिन निर्धारित पूजा के अलावा ॐ अंग अं अंगारकाय नमः मंत्र की एक माला का जाप अवश्य करें और प्रसाद के रूप में लाल लड्डू चढ़ाना न भूलें।

सिंह राशि

इस राशि के जातकों के लिए ज्ञान का स्रोत स्वयं बृहस्पति देव हैं। जो ज्ञान का कारक है. इसलिए देवी सरस्वती की पूजा के बाद बृहस्पति देव मंत्र ऊँ बृं बृहस्पतये नमः की एक माला का जाप करें और प्रसाद के रूप में पीली मिठाई चढ़ाएं।

तुला राशि

इस राशि के जातकों के लिए ज्ञान के कारक शनिदेव हैं, जो एकाग्रता और आत्मनिरीक्षण के मूल कारक हैं। इसलिए निर्धारित सरस्वती पूजा के बाद शनिदेव की एक माला ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:  का जाप करें। और पूजा के अंत में मां सरस्वती और भगवान शिव को काला धागा चढ़ाएं और शनिदेव का ध्यान करके कलाई पर बांध लें।

वृश्चिक राशि

इस राशि के जातकों के ज्ञान का स्रोत स्वयं बृहस्पति देव हैं। जो ज्ञान का कारक है. इसलिए देवी सरस्वती की पूजा के बाद बृहस्पति देव के मंत्र ऊँ बृं बृहस्पतये नमः की एक माला का जाप करें और प्रसाद के रूप में पीली मिठाई चढ़ाएं। अगर संभव हो तो पूजा के दौरान पीले कपड़े पहनना सोने पर सुहागा का काम करेगा।

धनु राशि

आपके ज्ञान का स्वामी मंगल है। इसलिए इस दिन निर्धारित पूजा के अलावा ॐ अं अंगारकाय नमः मंत्र की एक माला का जाप अवश्य करें और प्रसाद के रूप में लाल लड्डू चढ़ाना न भूलें।

मकर राशि

इस राशि का ज्ञान का स्वामी शुक्र है। इसलिए पहले बताई गई पूजा विधि और मंत्र के अलावा ॐ सुं शुक्रदेवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करना न भूलें और देवी सरस्वती को प्रसाद के रूप में सफेद मिठाई चढ़ाएं।

कुंभ राशि

आपकी राशि में विद्या के मुख्य कारक स्वयं भगवान श्रीगणेश हैं। अर्थात बुद्धि के स्वामी ग्रह को विघ्नेश्वर कहा जाता है। इसलिए आज की आरंभिक पूजा में पहले बताई गई पूजा विधि और मंत्र के अलावा भगवान गणेश को दूर्वा और लड्डू अवश्य चढ़ाएं।

मीन राशि

इस राशि के जातकों के लिए ज्ञान का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। इसलिए निर्धारित पूजा के बाद ऊँ ऐं क्लीं सोमाय नमः का 108 बार जाप अवश्य करें। और सफेद मिठाई खाने के बाद पंचामृत अवश्य पियें।
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