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Vaisakhi 2024: 13 या 14 अप्रैल 2024 कब है बैसाखी का पर्व? जानिए सही तारीख

jeevanjali Published by: निधि Updated Thu, 28 Mar 2024 03:19 PM IST
सार

Baisakhi 2024 Date:  इस साल बैसाखी का त्योहार 13 अप्रैल 2024 दिन रविवार को मनाया जाएगा। बैसाखी को सुख-समृद्धि का त्योहार माना जाता है. बैसाखी के दिन सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करते हैं।

Vaisakhi 2024: 13 या 14 अप्रैल 2024 कब है बैसाखी का पर्व? जा
Vaisakhi 2024: 13 या 14 अप्रैल 2024 कब है बैसाखी का पर्व? जा- फोटो : JEEVANJALI

विस्तार

Baisakhi 2024 Date:  इस साल बैसाखी का त्योहार 13 अप्रैल 2024 दिन रविवार को मनाया जाएगा। बैसाखी को सुख-समृद्धि का त्योहार माना जाता है. बैसाखी के दिन सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करते हैं। इसलिए इसे मेष संक्रांति भी कहा जाता है। इस त्यौहार से कई मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। इस दिन को सिख समुदाय के लोग नए साल के रूप में मनाते हैं। यह त्यौहार खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। दरअसल, वैशाख महीने तक रबी की फसलें पक जाती हैं और उनकी कटाई शुरू हो जाती है। ऐसे में इस दिन लोग फसल कटने के बाद घर आने की खुशी में भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं और अनाज की पूजा करते हैं. शाम को लोग एकत्रित होकर गिद्दा और भांगड़ा करते हैं। ऐसे में आइए बैसाखी का त्योहार मनाएं...

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कब है बैसाखी 2024? 
मेष संक्रांति के दिन बैसाखी मनाई जाती है और इस साल मेष संक्रांति 13 अप्रैल को है। ऐसे में बैसाखी भी 13 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं।

बैसाखी का पर्व क्यों मनाते हैं?
वैसे तो यह त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में इसे मनाने का विशेष उत्साह होता है। मुख्य रूप से सिख समुदाय के लोग बैसाखी को नववर्ष के रूप में मनाते हैं। इस त्योहार को मनाने के पीछे एक कारण यह भी है कि 13 अप्रैल 1699 को सिख संप्रदाय के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।

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इस तरह मनाते हैं बैसाखी का पर्व

बैसाखी के त्योहार की तैयारियां पहले से ही शुरू हो जाती हैं। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं। रुद्वारों को सजाया गया है. त्योहार के दिनों में घर में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं. गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है.

इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन लोग गुरुवाणी सुनते हैं। भक्तों के लिए खीर, शर्बत आदि बनाये जाते हैं. बैसाखी के दिन किसान अच्छी फसल के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं और अपनी समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
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