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Buddha Purnima: क्या है बुद्ध पूर्णिमा का महत्व, पूजा विधि, य़ोग जानिए

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Wed, 22 May 2024 06:07 AM IST
सार

Buddha Purnima : हिंदू कैलेंडर के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था

बुध पूर्णिमा
बुध पूर्णिमा- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Buddha Purnima : हिंदू कैलेंडर के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. बुद्ध पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान के साथ-साथ दान का भी विशेष महत्व है। भारत समेत पूरी दुनिया में बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार 23 मई, गुरुवार को  बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी।
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बुद्ध पूर्णिमा कब है?

बुद्ध पूर्णिमा की तिथि 22 मई बुधवार को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी. वहीं इसका समापन 23 मई गुरुवार को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा. समे उदय तिथि के अनुसार इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी।

भगवान बुद्ध की पूजा का शुभ समय

पंडित हर्षित मोहन शर्मा के अनुसार इस वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 22 मई, बुधवार को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर प्रारंभ होगी और यह तिथि 23 मई, गुरुवार को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 23 मई को ही बुद्ध पूर्णिमा मनाना उचित रहेगा। बुद्ध पूर्णिमा तिथि पर स्नान और दान का समय सुबह 4 बजकर 4 मिनट  से सुबह 5 बजकर 26 बजे तक रहेगा।
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बुद्ध पूर्णिमा के दिन बनेंगे ये 5 शुभ योग

सर्वार्थ सिद्धि योग
शिव योग
शुक्रादित्य योग
राजभंग योग
गजलक्ष्मी राजयोग
सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ समय
बुद्ध पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग 24 मई को सुबह 9.15 बजे से सुबह 5.26 बजे तक रहेगा।


शिव योग मुहूर्त

शिव योग दोपहर 12.12 बजे से 24 मई की सुबह 11.22 बजे तक रहेगा।

ऐसे करें भगवान बुद्ध की पूजा

सुबह जल्दी स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
बहते जल में तिल प्रवाहित करें और पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं।
तेल, तिल और दीपक आदि जलाकर शनिदेव की पूजा करें।
शनि चालीसा का पाठ भी करना चाहिए।
शनि मंत्रों के जाप से शनि दोष दूर होता है।
गरीबों और जरूरतमंदों को दान भी देना चाहिए।

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध मंदिरों में दान करने की मान्यता है। इसके अलावा इस दिन घर में सत्यनारायण की कथा करानी चाहिए। इस पाठ से घर में सुख-समृद्धि स्थापित होती है और पारिवारिक शांति आती है। ज्ञान का संचार होता है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन घर के मंदिर में गंगा जल से भरा एक लोटा अवश्य स्थापित करना चाहिए। इस कलश को अगली पूर्णिमा तिथि तक लाला वस्त्र से ढककर रखना चाहिए और फिर अगली पूर्णिमा तिथि पर सौभाग्य वृद्धि के लिए इसे पीपल के पेड़ पर चढ़ा देना चाहिए।
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