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Angarak Yog: कुंडली में कैसे बनता हैं अंगारक योग, जानें इसका प्रभाव

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Wed, 15 May 2024 03:27 PM IST
सार

Angarak Yog: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को मायावी ग्रह कहा जाता है। इस समय राहु मीन राशि में और केतु कन्या राशि में विराजमान हैं। राहु और केतु दोनों ही वक्री गति से चलते हैं। 

अंगारक योग
अंगारक योग- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Angarak Yog: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को मायावी ग्रह कहा जाता है। इस समय राहु मीन राशि में और केतु कन्या राशि में विराजमान हैं। राहु और केतु दोनों ही वक्री गति से चलते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार यदि कुंडली में राहु और केतु शुभ स्थिति में हों तो व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार के सुख मिलते हैं। वहीं, राहु और केतु की अशुभ स्थिति के कारण व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। राहु और केतु की युति शुभ और अशुभ ग्रहों के साथ होने पर कुंडली में कई दोष बनते हैं। इन्हीं दोषों में से एक है अंगारक योग। कुंडली में अंगारक दोष होने पर शुभ ग्रहों का प्रभाव कमजोर होने लगता है। आइए जानते हैं इस दोष के बारे में सबकुछ-
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अंगारक योग कैसे बनता है?

ज्योतिषियों के अनुसार गुरु चांडाल दोष तब बनता है जब राहु बृहस्पति के साथ हो। काल सर्प दोष तब होता है जब सभी शुभ और अशुभ ग्रह राहु और केतु के बीच में रहते हैं। कालसर्प दोष कई प्रकार का होता है। यह भावना के अनुरूप बनाया गया है। इसी प्रकार जब कुंडली के किसी भी भाव में राहु मंगल के साथ हो तो अंगारक योग बनता है। सरल शब्दों में कहें तो राहु और मंगल के एक साथ होने पर अंगारक योग बनता है।

अंगारक योग का प्रभाव

अंगारक दोष होने पर व्यक्ति को जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शुभ कार्यों में बाधाएं आती हैं। व्यक्ति चाहकर भी शुभ कार्यों में सफल नहीं हो पाता है। व्यापार मंदा हो जाता है. नौकरी संबंधी कर्ज से मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है। विवाह संबंधी कार्यों में बाधा आती है। व्यक्ति क्रोधित भी हो जाता है.
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उपाय

अंगारक योग बनने पर किसी प्रसिद्ध ज्योतिषी या पंडित से दोष निवारण कराएं।
राहु के अशुभ प्रभाव को खत्म करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें।
अंगारक योग से राहत पाने के लिए मंगलवार का व्रत करें।
मंगलवार के दिन मसूर दाल, लाल रंग के कपड़े और लाल मिर्च आदि चीजों का दान करें।
अंगारक योग के प्रभाव को खत्म करने के लिए प्रतिदिन स्नान-ध्यान के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

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