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Shri Shiva Bilvashtakam: जरूर करें श्री शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ, मिलेगा बहुत लाभ

जीवांजलि धार्मिक डेस्क Published by: कोमल Updated Wed, 15 May 2024 04:07 PM IST
सार

Shri Shiva Bilvashtakam: भोलेनाथ अपने भक्तों की कई परेशानियां दूर कर देते हैं। भगवान शिव की पूजा से पहले जलाभिषेक किया जाता है जिससे वे प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही पूजा करते समय भगवान शिव को धतूरा, फूल और बेलपत्र आदि चीजें भी चढ़ाई जाती हैं।

श्री शिव बिल्वाष्टकम्
श्री शिव बिल्वाष्टकम्- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Shri Shiva Bilvashtakam: भोलेनाथ अपने भक्तों की कई परेशानियां दूर कर देते हैं। भगवान शिव की पूजा से पहले जलाभिषेक किया जाता है जिससे वे प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही पूजा करते समय भगवान शिव को धतूरा, फूल और बेलपत्र आदि चीजें भी चढ़ाई जाती हैं। इस विधि से भोले की पूजा करने से लोगों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। तो अगर आप भी भगवान शिव की असीम कृपा पाना चाहते हैं तो हमेशा भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें और बेलपत्र चढ़ाते समय इस स्तोत्र का पाठ करें। तो आइए यहां पढ़ें 'शिव बिल्वाष्टकम्' का पाठ।

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श्री शिव बिल्वाष्टकम्


त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधं

त्रिजन्म पापसंहारम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

त्रिशाखैः बिल्वपत्रैश्च अच्चिद्रैः कोमलैः शुभैः।

तवपूजां करिष्यामि ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

कॊटि कन्या महादानं तिलपर्वत कोटयः।

काञ्चनं क्षीलदानेन ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

काशीक्षेत्र निवासं च कालभैरव दर्शनं।

प्रयागे माधवं दृष्ट्वा ऎकबिल्वं शिवार्पणं।।

इन्दुवारे व्रतं स्थित्वा निराहारो महेश्वराः।

नक्तं हौष्यामि देवेश ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

रामलिङ्ग प्रतिष्ठा च वैवाहिक कृतं तधा।

तटाकानिच सन्धानम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

अखण्ड बिल्वपत्रं च आयुतं शिवपूजनं।

कृतं नाम सहस्रेण ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

उमया सहदेवेश नन्दि वाहनमेव च।

भस्मलेपन सर्वाङ्गम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

सालग्रामेषु विप्राणां तटाकं दशकूपयो:।

यज्नकोटि सहस्रस्च ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

दन्ति कोटि सहस्रेषु अश्वमेध शतक्रतौ।

कोटिकन्या महादानम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

बिल्वाणां दर्शनं पुण्यं स्पर्शनं पापनाशनं।

अघोर पापसंहारम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

सहस्रवेद पाटेषु ब्रह्मस्तापन मुच्यते।

अनेकव्रत कोटीनाम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

अन्नदान सहस्रेषु सहस्रोप नयनं तधा।

अनेक जन्मपापानि ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।

बिल्वस्तोत्रमिदं पुण्यं यः पठेश्शिव सन्निधौ।

शिवलोकमवाप्नोति ऐकबिल्वं शिवार्पणं।
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