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Ruchak Yoga: कब बनता है कुंडली में रूचक योग,जानें असर लाभ और महत्त्व

jeevanjali Published by: कोमल Updated Wed, 01 May 2024 03:43 PM IST
सार

Ruchak Yoga:  वैदिक ज्योतिष में मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा गया है। मंगल एक बहुत बलवान और ऊर्जावान ग्रह है। मंगल रक्त का भी कारक होता है इसीलिए किसी भी व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य मंगल के ही अधीन है। 

रुचक योग
रुचक योग- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Ruchak Yoga:  वैदिक ज्योतिष में मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा गया है। मंगल एक बहुत बलवान और ऊर्जावान ग्रह है। मंगल रक्त का भी कारक होता है इसीलिए किसी भी व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य मंगल के ही अधीन है। अगर आपकी कुंडली में मंगल अच्छा है तो आप बहुत साहसी होंगे, पराक्रमी होंगे, कर्म प्रधान होंगे और अपने स्वयं के बल पर समाज में मान सम्मान अर्जित करने का कार्य करेंगे लेकिन अगर कुंडली में मंगल कमजोर होगा तो ऐसा व्यक्ति साहसी और पराक्रमी नहीं होता और कठिनाइयों से भागने वाला होता है। इसीलिए ज्योतिष में मंगल के द्वारा एक ऐसे राजयोग का निर्माण किया जाता है जो कि व्यक्ति को राजा के समान प्रसिद्धि देने वाला होता है और उस राजयोग का नाम है रुचक राजयोग। 
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कैसे बनता हैं रुचक नाम का राजयोग

अब सबसे पहले आपको यह समझाते हैं कि यह रुचक नाम का राजयोग बनता कैसे हैं? अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल मेष राशि, वृश्चिक राशि या मकर राशि में स्थित होकर उसके प्रथम भाव, चतुर्थ भाव या दशम भाव में बैठा हो तो ऐसा व्यक्ति इस राजयोग में जन्म लेने वाला होता है। अगर मंगल पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि नहीं है, वह अकेला ही विराजमान है तो यह राजयोग सर्वोत्तम फल देने वाला होता है। यहां यह भी ध्यान देना बहुत जरूरी है की मंगल अंश में भी बलवान होना चाहिए। यानी की मंगल 8 डिग्री से 15 डिग्री तक का होना चाहिए क्योंकि मंगल युवावस्था के अंश में ही सबसे अच्छा फल प्रदान करता है। 

कुंडली में रुचक राजयोग होने  के लाभ 

अब आपको यह समझाते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में यह राजयोग होगा तो उस व्यक्ति के जीवन में क्या विशेष होगा। ऐसा व्यक्ति समाज में बहुत उच्च पद प्राप्त करता है। ऐसा व्यक्ति दूसरों को अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है और चूँकि मंगल भूमि का कारक है इसलिए ऐसे व्यक्ति के पास बहुत अधिक जमीन होती है। वह बहुत बड़ी भूमि का मालिक होता है। यह योग अगर मेष राशि में बन रहा है तो ऐसा व्यक्ति बहुत बड़ा डॉक्टर बन सकता है।  इसके अलावा सेना और पुलिस में भी जा सकता है। 
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इन राशियों को मिलता है बहुत लाभ

यदि यह योग वृश्चिक राशि में बन रहा है तो ऐसा व्यक्ति आध्यात्मिक लीडर बन सकता है। राजनीति में बहुत बड़ा नाम कमा सकता है। इसके अलावा वह बहुत बड़ा ज्योतिषी भी बन सकता है। ऐसे जातकों के पास बहुत जमीन होती है। यदि यह योग मंगल की उच्च राशि मकर राशि में बनता है तो ऐसा व्यक्ति बहुत उच्च कोटि का व्यापारी बन सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शनि कर्म प्रधान ग्रह है। इसलिए जब मंगल मकर राशि में आता है तो उस व्यक्ति की ऊर्जा कर्म प्रधान हो जाती है। ऐसा व्यक्ति भाग्य में कम विश्वास करता है और अपनी मेहनत और जब्बे से आगे बढ़ता है। 

मंगल के द्वारा बनाए जाने वाले इस रुचक राजयोग में जन्मे जातक विलासिता पूर्ण जीवन जीते हैं लेकिन इस जीवन को प्राप्त करने के लिए वह कठिन परिश्रम भी करते हैं। वैदिक ज्योतिष में इस राजयोग को बहुत बड़ा दर्जा दिया गया है।
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