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Vastu or Vastu Dosh: क्या होता है वास्तु और वास्तु दोष? जानिए वास्तु दोष से बचने के उपाय

जीवांजलि डेस्क Published by: सुप्रिया शर्मा Updated Sat, 15 Jun 2024 08:00 AM IST
सार

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भवन निर्माण करते समय इन सभी तत्वों, दिशाओं, ग्रहों और ऊर्जा का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यदि इन सिद्धांतों का पालन किया जाए तो घर में रहने वाले लोगों को सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिलता है.

वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र- फोटो : jeevanjali

विस्तार

वास्तु क्या है 

वास्तु शास्त्र, जिसे संस्कृत में "वास्तु" और "शास्त्र" शब्दों से मिलकर बना है, भारतीय स्थापत्य कला और डिजाइन का एक प्राचीन विज्ञान है। यह विज्ञान भवन निर्माण, शहरी नियोजन और आंतरिक सजावट के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य मानव जीवन में सद्भाव, समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशी को बढ़ावा देना है।
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वास्तु शास्त्र में निम्नलिखित मुख्य अवधारणाएं शामिल हैं जैसे 

पंचतत्व: पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश - ये पांच तत्व ब्रह्मांड के मूलभूत तत्व माने जाते हैं।
दिशाएं: उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, ईशान, कोण, अग्नि कोण, वायव्य और नैऋत्य - इन दिशाओं का वास्तु में विशेष महत्व होता है।
ग्रह: सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु - इन ग्रहों का भी वास्तु में प्रभाव माना जाता है।
ऊर्जा: वास्तु शास्त्र में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा की अवधारणा पर भी ध्यान दिया जाता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भवन निर्माण करते समय इन सभी तत्वों, दिशाओं, ग्रहों और ऊर्जा का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यदि इन सिद्धांतों का पालन किया जाए तो घर में रहने वाले लोगों को सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिलता है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन अगर इन सभी चीजों में से कुछ चीज रह जाती है तो कहा जाता है की वास्तु दोष लग जाता है और वास्तु दोष लगाने से कई तरह की परेशानी आती हैं इसलिए आप हम आप को इस लेख में बताने जा रहे हैं क्या होता है वास्तु दोष कैसे करें इस दोष का निवारण 

सब से पहले जान लीजिए क्या होता है वास्तु दोष?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर या भवन में किसी भी अशुभ या अव्यवस्थित निर्माण या वास्तु के नियमों के विपरीत बनाए गए ढांचे को वास्तु दोष कहा जाता है। माना जाता है कि ये दोष नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं, जो स्वास्थ्य, समृद्धि, और शांति सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
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कैसे पता चले की घर या ऑफिस में वास्तु दोष है?

घर या ऑफिस में वास्तु दोषों का पता लगाने के कई संकेत हो सकते हैं, जैसे 

1. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं:

बिना किसी स्पष्ट कारण के बार-बार बीमार होना
थकान, नींद न आना, और कमजोरी
सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, और अन्य शारीरिक परेशानियां
मानसिक तनाव, चिंता, और अवसाद

2. आर्थिक कठिनाइयां:

अचानक धन हानि और ऋण में डूब जाना
व्यापार में नुकसान और तरक्की में रुकावट
नौकरी में अस्थिरता और बेरोजगारी

3. रिश्तों में तनाव:

परिवार में कलह, झगड़े, और मनमुटाव
पति-पत्नी के बीच तनाव और अलगाव
दोस्तों और रिश्तेदारों से अनबन

4. नकारात्मक ऊर्जा:

घर या ऑफिस में घुसते ही भारीपन और नकारात्मकता महसूस होना
उत्साह और प्रेरणा की कमी
काम में मन न लगना और एकाग्रता में कमी

5. घर या ऑफिस से जुड़ी अन्य समस्याएं:

दीवारों में दरारें और फर्नीचर का जल्दी खराब होना
बिजली का बार-बार जाना
कीड़े-मकोड़ों का अत्यधिक प्रकोप
घर या ऑफिस में दुर्गंध

वास्तु दोष दूर करने के कुछ सरल उपाय हैं जिन्हें अपना कर आप वास्तु दोष दूर कर सकते हैं 

वास्तु दोष दूर करने के उपाय:

1. दिशाओं में बदलाव:

मुख्य द्वार: यदि मुख्य द्वार दक्षिण या पश्चिम दिशा में है, तो उसे उत्तर या पूर्व दिशा में स्थानांतरित करने का प्रयास करें।
सोने का कमरा: सोने का कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है। यदि यह दिशा संभव न हो, तो पश्चिम या उत्तर दिशा का उपयोग करें।
पूजा स्थल: पूजा स्थल को घर के उत्तर-पूर्व या ईशान कोण में रखें।
रसोईघर: रसोईघर को अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व) में रखें।

2. रंगों का उपयोग:

नीला रंग: शांति और समृद्धि के लिए नीले रंग का उपयोग करें। इसे दक्षिण और पश्चिम दिशा की दीवारों पर लगा सकते हैं।
हरा रंग: स्वास्थ्य और विकास के लिए हरे रंग का उपयोग करें। इसे पूर्व दिशा की दीवारों पर लगा सकते हैं।
पीला रंग: समृद्धि और सफलता के लिए पीले रंग का उपयोग करें। इसे उत्तर-पश्चिम दिशा की दीवारों पर लगा सकते हैं।
सफेद रंग: सकारात्मक ऊर्जा के लिए सफेद रंग का उपयोग करें। इसे छत और दीवारों पर लगा सकते हैं।

3. आयनों का उपयोग:

क्रिस्टल आयन: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए क्रिस्टल आयनों का उपयोग करें।
तांबे के आयन: वास्तु दोषों को दूर करने और ग्रहों के दोषों को कम करने के लिए तांबे के आयन का उपयोग करें।

4. प्रतीकों और यंत्रों का उपयोग:

स्वास्तिक: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और शुभता लाने के लिए स्वास्तिक का उपयोग करें।
श्री यंत्र: समृद्धि और सफलता प्राप्त करने के लिए श्री यंत्र का उपयोग करें।
ऊँ: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए ऊँ का प्रतीक का उपयोग करें।

5. पौधों का उपयोग:

तुलसी: तुलसी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और वास्तु दोषों को दूर करता है।
अलोवेरा: अलोवेरा का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में शांति लाता है।
मनी प्लांट: मनी प्लांट समृद्धि और धन लाता है।

6. घर को स्वच्छ और व्यवस्थित रखें:

घर को नियमित रूप से साफ करें: धूल, मिट्टी, और कचरा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
अनावश्यक सामान हटा दें: अनावश्यक सामान घर में अव्यवस्था पैदा करते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं।
प्रकाश और हवा को आने दें: घर में पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक प्रकाश और हवा आने दें।

7. वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लें:

यदि आपको लगता है कि आपके घर में गंभीर वास्तु दोष हैं, तो किसी अनुभवी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित होगा। वे आपके घर का निरीक्षण करेंगे और आपके लिए उचित उपाय बताएंगे।यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वास्तु शास्त्र एक जटिल विज्ञान है और इसका अभ्यास केवल योग्य और अनुभवी व्यक्ति द्वारा ही किया जाना चाहिए।

 
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