Shukra Gochar 2024: वैदिक ज्योतिष में शुक्र एक बहुत महत्वपूर्ण ग्रह है। इस संसार में जो भी भौतिक सुख सुविधाओं के साधन है वह शुक्र की कृपा से ही संभव है। किसी व्यक्ति की कुंडली में अगर शुक्र बलवान है तो उसे सभी भौतिक सुख संपदा का सुख प्राप्त होता है। शुक्र जब एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं तो पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों पर भी उसका प्रभाव अवश्य पड़ता है। शुक्र वृषभ राशि में 19 मई को प्रवेश करेंगे जो कि उनकी अपनी ही राशि है और 12 जून तक वह इस राशि में गोचर करके मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शुक्र के इस गोचर से सभी 12 राशियों पर व्यापक प्रभाव होगा। आइये समझते है कि आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव होगा?
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके द्वितीय भाव में ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की वाणी, कुटुंब और संचित धन का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके अष्टम भाव पर होगी। शुक्र का यह गोचर मेष राशि के जातकों के लिए उनके परिवार के सुख में वृद्धि करने वाला होगा। आपको आपकी पत्नी के माध्यम से धन की प्राप्ति संभव है। मेष राशि के जातकों को शुक्र के इस गोचर के दौरान अच्छे कम्युनिकेशन का फायदा मिलेगा और अगर आप सिनेमा जगत से जुड़े हुए हैं तो शुक्र का यह गोचर आपको अच्छी प्रसिद्ध देने का भी कार्य करेगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र प्रथम और छठे भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके प्रथम भाव में ही होने जा रहा है। इस भाव से किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसके मान सम्मान का ज्ञान किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके सप्तम भाव पर होगी। शुक्र के इस गोचर से वृषभ राशि के जातक राजयोग का फल प्राप्त करेंगे। इस समय आपके कई अधूरे कार्य पूरे हो सकते हैं। जिनका विवाह नहीं हो रहा है उनके विवाह की संभावना बन सकती है। आपकी कोई पुरानी बीमारी से आपको छुटकारा प्राप्त हो सकता है। आपके प्रेम संबंधों के लिए यह शुक्र का गोचर बहुत अच्छा है। इसके अलावा आपके वैवाहिक जीवन में भी आप एक अच्छा सुख प्राप्त करेंगे। अगर आप अपना खुद का व्यवसाय करना चाहते हैं तो शुक्र का यह गोचर आपके लिए मददगार रहेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके द्वादश भाव में ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की विदेश यात्राएं और एकांत का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके शत्रु स्थान पर यानी छठे भाव पर होगी। मिथुन राशि के जातकों को शुक्र के इस गोचर के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना होगा। आपको अगर डायबिटीज है तो आपको अपने खान-पान में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। शुक्र के इस गोचर की अवधि के दौरान आपके गुप्त शत्रु आपको परेशान कर सकते हैं। आपके खिलाफ षड्यंत्र भी किया जा सकता है। आपके प्रेम संबंधों के लिए शुक्र का यह गोचर कुछ कठिनाई भरा रह सकता है। संतान से जुड़े मामलों में भी आपको कुछ चिंताएं हो सकती है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और लाभ स्थान के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके लाभ स्थान में ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की इच्छा पूर्ति का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके पंचम भाव पर होगी। कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर उनके सारे सपने पूरे करने वाला होगा। आप अपने व्यवसाय में जिस तरक्की को प्राप्त करना चाह रहे हैं वह आपको शुक्र के इस गोचर से अवश्य प्राप्त होगी। आपको अपनी संतान पक्ष से भी अच्छा सहयोग प्राप्त होगा और आपकी संतान अच्छी उन्नति करेगी। इसके अलावा आपको शेयर मार्केट से भी अच्छा धन प्राप्त होने की संभावना दिखाई दे रही है। आपके प्रेम संबंधों में निखार आएगा या फिर आपके जीवन में किसी नए प्रेमी का आगमन भी हो सकता है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तृतीय और दशम भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके दशम भाव में ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के कार्य क्षेत्र, इसकी प्रसिद्धि और पिता का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके चतुर्थ भाव पर होगी। शुक्र के इस गोचर के दौरान आपको आपके कार्य स्थल पर अच्छे परिणाम प्राप्त होने की उम्मीद की जा सकती है। आपके कार्य स्थल पर आपकी महिला सहकर्मी आपका अच्छा सहयोग करने वाली होगी। आप अपने परिवार के सदस्यों पर अच्छा धन खर्च कर पाएंगे। अगर आप काफी समय से किसी संपत्ति को खरीदना चाहते थे तो शुक्र के इस गोचर के दौरान आपकी इच्छा पूरी हो सकती है। मां के स्वास्थ्य में सुधार रहेगा।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र द्वितीय और भाग्य स्थान के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके भाग्य स्थान से ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के धार्मिक क्रियाकलाप और धार्मिक यात्राओं का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके तृतीय भाव पर होगी। शुक्र के इस गोचर के दौरान कन्या राशि के जातकों के भाग्य में वृद्धि देखी जा सकती है। आपके परिवार की किसी महिला के माध्यम से आप धार्मिक कथा का आयोजन करवा सकते हैं। आपके भाई बहनों के साथ संबंधों में मधुरता आएगी। कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र के इस गोचर के दौरान छोटी-मोटी यात्राओं के योग भी बने हुए हैं और उन यात्राओं में आप काफी आनंद का अनुभव करेंगे। आपके प्रेम संबंधों के लिए भी शुक्र का यह गोचर अच्छा कहा जा सकता है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र प्रथम और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके अष्टम भाव में ही होने जा रहा है। इस भाव से चोट, दुर्घटना और अचानक से होने वाली घटनाओं का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके द्वितीय भाव पर होगी। शुक्र का यह गोचर तुला राशि के जातकों के कार्यों में बाधा उत्पन्न करने वाला हो सकता है। आपके कार्यों में रुकावट आ सकती है जिसके कारण आपको मानसिक कष्ट की अनुभूति भी हो सकती है। आपको अपने जीवनसाथी की सेहत को लेकर भी इस गोचर के दौरान सावधान रहना चाहिए। आप अगर मधुर वाणी का प्रयोग करेंगे तो आपके लिए अच्छा रहेगा। पैतृक संपत्ति से जुड़े मामलों में वाद विवाद की स्थिति दिखाई दे रही है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सप्तम और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके सप्तम भाव से ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के जीवन साथी और साझेदारी का विचार किया जाता। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके प्रथम भाव पर होगी। शुक्र के इस गोचर के दौरान वृश्चिक राशि के जातकों के वैवाहिक जीवन में एक सुखमय और अलग ही आनंद की स्थिति उन्हें अनुभव होगी। आपकी पत्नी पूर्ण रूप से आपके अनुकूल होगी और आप अपनी पत्नी के साथ विदेश घूमने भी जा सकते हैं। आपकी वाणी की मधुरता आपको प्रसिद्ध करने का कार्य करेगी। शुक्र की कृपा से आपको न सिर्फ आपके व्यापार में अच्छा फायदा होगा बल्कि परिवार और समाज में भी अच्छा मान सम्मान प्राप्त होने के योग दिखाई पड़ रहे हैं।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और लाभ स्थान के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके छठे भाव में ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के रोग ऋण और शत्रु का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके द्वादश स्थान पर जा रही है। शुक्र का यह गोचर आपके कार्य स्थल पर आपको कुछ तकलीफ देने का कार्य कर सकता है। आपको अपने सीनियर्स को खुश करने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। इसके अलावा आपकी किसी महिला मित्र से आपका विवाद भी हो सकता है। अपने व्यवसाय में आप जिस लाभ की उम्मीद कर रहे हैं वह फिलहाल आपको प्राप्त नहीं होगा। अपने मित्रों से और भाइयों से मनमुटाव होने की संभावनाएं दिखाई पड़ रही है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और दशम भाव के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके पंचम भाव में ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की शिक्षा, बुद्धि और उसकी संतान का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके लाभ स्थान पर होगी। शुक्र के इस गोचर के दौरान मकर राशि के जातकों को शैक्षणिक गतिविधियों में अच्छी सफलताएं प्राप्त होने के योग दिखाई पड़ रहे हैं। आपके कार्य क्षेत्र पर आपका सम्मान किया जा सकता है। आपको आपकी नौकरी में प्रमोशन दिया जा सकता है। छात्र वर्ग को सरकारी नौकरी प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हो सकती है। अगर आप महिला है तो आपके जीवन में किसी नए प्रेमी का आगमन भी शुक्र के इस गोचर के दौरान संभव दिखाई पड़ रहा है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और भाग्य स्थान के स्वामी होते हैं और अब शुक्र का गोचर आपके चतुर्थ भाव में ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की मानसिक शक्ति, मां की संपत्ति और भौतिक सुख सुविधाओं का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके दशम भाव पर होगी। कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर उनके पारिवारिक सुख के लिए बहुत अच्छा रहेगा। आपके परिवार में एक अच्छा सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहेगा। आपके पत्नी के माध्यम से सुख की प्राप्ति होगी। आपकी बहन का विवाह भी तय हो सकता है। शुक्र का यह गोचर कुंभ राशि के जातकों को उनके कार्य क्षेत्र पर असीम सफलता देने का कार्य करेगा। किसी महिला सहकर्मी की मदद से आपका कोई बड़ा काम, जो काफी समय से अटका हुआ था वह पूरा हो सकता है।