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Numerology: 9 अंक पर होता है 9 ग्रहों का अधिकार, कैसे डालते हैं जीवन पर अशुभ प्रभाव?

jeevanjali Published by: सुप्रिया शर्मा Updated Mon, 17 Jul 2023 04:32 PM IST
सार

ज्योतिष शास्त्र में अंक ज्योतिष का विशेष महत्व है। अंक ज्योतिष में हर किसी का अपना एक खास अंक होता है। जैसे सूर्य के लिए अंक 1 निर्धारित किया गया है। यानी एक अंक भगवान सूर्य को समर्पित है।

अंक ज्योतिष
अंक ज्योतिष- फोटो : jeevanjali

विस्तार

अंक ज्योतिष में 1 से लेकर 9 अंक तक की संख्या पर 9 ग्रह का अधिकार है। सभी अंक कुछ न कुछ कहते हैं. यहां कौन से अंक क्या कहते हैं इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार है.
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आइये जानते है कि किस ग्रह का किस अंक पर अधिकार है और उसका प्रभाव क्या होता है।  

कौन सा अंक क्या कहता है

अंक 1

अंक 1 पर सूर्य का अधिकार है। इसके प्रभाव से जातक कुलीन, रईस, अधिकारी, डॉक्टर आदि बनते हैं। यदि मूलांक सूर्य का हो और भाग्यांक शनि या शुक्र का हो तो ऐसे लोग दुर्घटना के भी शिकार होते हैं।

अंक 2

अंक 2 पर चंद्रमा का अधिकार होता है। ऐसे लोग शांत, विनम्र, विचारशील और विलक्षण होते हैं। इनमें शरीर की उपेक्षा मानसिक बल अधिक होता है। 2 अंक वालों की सभी लोगों से अच्छी बनती है हालांकि इन्हें जल्दी गुस्सा आ जाता है और कभी-कभी आवश्यकता से अधिक भी कठोर हो जाते हैं। 
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अंक 3

बृहस्पति अंक 3 का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके शुभ प्रभाव में होने पर जातक क्षमाशील, सुखी, व्यवहार कुशल, लेखक, अध्यापक, ज्योतिषी, संपादक, सलाहकार राजपुरोहित अथवा तो प्रधानमंत्री भी बन सकता है। अगर इस अंक का अशुभ प्रभाव हो तो जातक को गले की बीमारी होती है। मोटापे की शिकायत होती है और चर्बी से होने वाले रोग होते हैं। 

अंक 4

अंक 4 पर राहु का अधिकार है ऐसे लोगों को अगर राहु का शुभ प्रभाव मिल जाए तो अचानक से इनका भाग्योदय हो जाता है। हालांकि अशुभ प्रभाव होने पर यह लोग बहुत मेहनत करते हैं लेकिन उसके बाद भी सफलता नहीं मिलती। 

अंक  5

बुध महाराज को 5 अंक का प्रतिनिधि माना गया है। बुध का शुभ प्रभाव अगर हो तो जातक बहुत बड़ा वकील, बड़ा लेखक, बुद्धिजीवी, गणितज्ञ, कूटनीतिज्ञ और राजा का सलाहकार होता है। ऐसे लोग अच्छे ज्योतिषी भी पाए जाते हैं। अगर इस अंक का अशुभ प्रभाव हो तो वाणी दोष होता है. दमे की बीमारी होती है और त्वचा से जुड़े रोग भी होते हैं। 

अंक 6

अंक 6 पर शुक्र का अधिकार है। बलवान शुक्र वाला जातक धनी,व्यापारी। जोहरी, कलाकार, ज्योतिषी बनता है। सांसारिक सुखों का कारक भी शुक्र को माना गया है लेकिन अगर इस अंक का अशुभ प्रभाव हो तो जातक मधुमेह,गुप्त रोग से ग्रसित होता है। विवाह के बाद उसका अपनी पत्नी से विच्छेद हो जाता है और विवाह के पहले भी उसका कोई भी प्रेम प्रसंग सफल नहीं होता। 

अंक 7

केतु को 7 अंक का स्वामी माना गया है। इस अंक के शुभ प्रभाव में जातक अपनी कल्पना और विचार शक्ति से मुश्किल से मुश्किल कार्य को भी कर लेता है।  लेकिन ऐसे जातक धन संग्रह बहुत कठिनाई से कर पाते हैं। ऐसे जातकों को चोट भी बहुत लगती है। 

अंक 8

अंक 8 शनि का प्रतिनिधित्व करता है। इससे रोग, शत्रु, जीवन, मृत्यु, दुख और अभावों का विचार किया जाता है। शनिदेव की शुभ स्थिति में होने पर जातक की आयु लंबी होती है उसकी इच्छा शक्ति मजबूत होती है। वह बलवान होता है उसे ख्याति प्राप्त होती है। वह बहुत बड़ा व्यापारी होता है और उसका जीवन स्थिर होता है। 

अंक 9

मंगल को 9 अंक का प्रतिनिधि माना गया है ऐसे अंक के शुभ प्रभाव वाले जातक जमीन जायदाद वाले, भाइयों का सुख प्राप्त करने वाले, नेतृत्व करने के लिए अभिलाषी, सेना और पुलिस से जुड़े हुए बड़े इंजीनियर, बड़े डॉक्टर और बड़े खिलाड़ी भी होते हैं। हालांकि इस अंक का अशुभ प्रभाव हो तो जातक  कुकर्मी ,अपराधी, धोखा देने वाले अथवा तो बलात्कारी भी हो जाते हैं।
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