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Doctor yoga in astrology: किन ग्रहों और राशियों की मदद से बनता है व्यक्ति बड़ा डॉक्टर, जानिए

jeevanjali Published by: कोमल Updated Tue, 23 Apr 2024 05:41 PM IST
सार

Doctor yoga in astrology:  चिकित्सा एक ऐसा माध्यम है जहां डॉक्टर एक व्यक्ति की जान बचाता है। जब कोई मनुष्य कष्ट में होता है, उसका शरीर कष्ट में होता है तो एक डॉक्टर ही वह व्यक्ति होता है जो उस मनुष्य को उस कष्ट से मुक्ति दिलाता है।

गृह
गृह- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Doctor yoga in astrology:  चिकित्सा एक ऐसा माध्यम है जहां डॉक्टर एक व्यक्ति की जान बचाता है। जब कोई मनुष्य कष्ट में होता है, उसका शरीर कष्ट में होता है तो एक डॉक्टर ही वह व्यक्ति होता है जो उस मनुष्य को उस कष्ट से मुक्ति दिलाता है। वैदिक ज्योतिष में कुछ ग्रह, राशियां और भाव ऐसे होते हैं जो व्यक्ति को डॉक्टर या चिकित्सा संबंधित कार्य करवाने में मदद करते हैं। आज इस लेख में हम समझते हैं कि एक व्यक्ति किन परिस्थितियों में डॉक्टर बन सकता है। 

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डॉक्टर बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ग्रह मंगल और सूर्य है। चिकित्सा शास्त्र में मंगल रक्त का कारक है। यह दुर्घटना और ऑपरेशन का भी कारक है इसलिए अगर कोई भी जातक जब मंगल के प्रभाव में होता है यानी कि अगर मंगल व्यक्ति के लग्न, दशम और पंचम भाव का स्वामी होता है तो ऐसे व्यक्ति का चिकित्सा शास्त्र से संबंध होना या डॉक्टर बनना निश्चित होता है। मंगल के अलावा सूर्य एक ऐसा ग्रह है जो भी चिकित्सा का कारक ज्योतिष में माना गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सूर्य हृदय का कारक है और सूर्य आत्मा का भी कारक ग्रह है, ऐसे में लग्न, पंचम और दशम से सूर्य मंगल का संबंध व्यक्ति को एक अच्छा डॉक्टर बना सकता है। शनि और केतु भी व्यक्ति को सपोर्ट करते हैं लेकिन मुख्य ग्रह सूर्य और मंगल है। 

अब अगर राशियों की बात करें तो सिंह राशि और वृश्चिक राशि की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि सिंह राशि दवा और रसायन की राशि है। यदि सिंह राशि दशम स्थान में होती है तो व्यक्ति वृश्चिक लग्न का होगा और यदि सिंह राशि पंचम भाव में होगी तो व्यक्ति मेष लग्न का होगा। तो ऐसे में चिकित्सा व्यवसाय से व्यक्ति जुड़ जाता है। इसके अलावा वृश्चिक राशि चिकित्सा को दर्शाती है क्योंकि यह अष्टम भाव को रिप्रेजेंट करती है। अष्टम भाव एक ऐसा भाव है जो व्यक्ति को रिसर्च और गहराई में जाने पर मजबूर करता है। ऐसे में बड़ा डॉक्टर वही बनता है जो हर दिन कुछ नया सीखें। 

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इसीलिए वृश्चिक राशि को डॉक्टर, वैज्ञानिक, ज्योतिष आदि की राशि कहा जाता है। इसके अलावा मीन राशि की भी भूमिका चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि मीन राशि 12वें भाव की ऊर्जा को ग्रहण करती है और इस भाव से व्यक्ति की आध्यात्मिक ऊर्जा को समझा जाता है। एक डॉक्टर के लिए आध्यात्मिक होना भी बहुत आवश्यक है क्योंकि वह विपरीत परिस्थितियों में काम करता है। इसके अलावा चिकित्सा व्यवसाय के लिए दशम भाव एक महत्वपूर्ण भाव है। व्यक्ति की बुद्धि का विकास भी लगातार होता रहना चाहिए। उसे नई-नई बीमारी और दवाई की समझ होनी चाहिए इसलिए पंचम भाव भी महत्वपूर्ण हो जाता है। 

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल लग्न में, पंचम में, दशम में हो या इन भाव के स्वामियों के साथ संबंध बनाते हो या इन भाव में सिंह या वृश्चिक राशि हो तो व्यक्ति निश्चित तौर से डॉक्टर बनता है। यदि सूर्य पंचम या दशम भाव में हो और उसका मंगल से संबंध बन जाए तो व्यक्ति डॉक्टर होगा। यदि शनि उच्च का हो और यह मंगल, गुरु या शुक्र को देखता हो तो चिकित्सक बनने के योग होते हैं। राहु और केतु भी दवा, बीमारी ऑपरेशन आदि को दर्शाते हैं। अगर राहु और केतु का संबंध दशम भाव या दशम भाव के स्वामी से बने और वह सूर्य मंगल हो तो निश्चित तौर से व्यक्ति बहुत बड़ा डॉक्टर या सर्जन हो सकता है।
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